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Saundarya Lahari By S C Mishra

by S C Mishra (Author) , Shree Pranav Publications (Publisher)
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180
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Descriptions
माता भगवती त्रिपुरसुन्दरी लाड़ले पुत्र आदि शंकराचार्य को स्वयं भगवती ने अपना दूध पिलाकर सब विद्याओं में पारंगत होने का वरदान दिया था । भगवान शिव की इच्छा और भगवती की आज्ञा से आपने वेदों मैं गुप्त रूप से निहित शताक्षरी महाविद्या का क्रमबद्ध व्यवस्थित विवरण सौन्दर्यलहरी के १०० श्लोकों में प्रस्तुत किया है। उपाय ज्योतिष के गूढ़ अर्थ को खोलने वाली इस अनूठी और अकेली प्रस्तुत रचना में साधकों , भक्तों और पीडित व्यथित जनों के लिए इन मोतियों को पिरोया है ज्योतिष के गुप्त अर्थों एवं काज सवारने के उपायों का पूरा खुलासा. मनोरथ पूर्ति एवं सर्वत्र सफलता पाने का कल्पतरु प्रत्येक श्लोक के पाठ करने भर से अनेक मनोरथ पूर्ण आसान सात्विक विधि : मामूली खर्च : शीघ्र सफलता श्रीयंत्र के सब रहस्यों का खुलासा : पिंड और ब्रह्माण्ड : शिव शक्ति संयोग ब्रह्माण्ड भगवती का शरीर, सूर्य चंद्र अग्नि तीन नेत्र , मंगल आदि पांच ग्रह इन्द्रियां राशि नक्षत्र चक्र भगवती के गले का मुक्ताहार , राहु केतु हार की दो कोर श्रीयंत्र के भीतरी ४३ कोण : १६ तिथि २७ नक्षत्र चवालीसवाँ कोण : स्वयं चंद्र सूर्य या लगन बाहरी ८ कोण : ८ पहर , १० कोण, १० दिशाएं पुनः १० कोण: दस वर्ग , १४ कोण : १४ लोक निराधार कपोल कल्पना से परे: वेदों उपनिषदों के पुख्ता प्रमाण : दुर्गम कठिन असंभव लक्ष्य पाने के सुगम सोपान रोगी भोगी पीड़ित दुखियारे जनो छात्र प्रौढ़ वृद्ध स्त्री सबके लिए बहुत कुछ : यश धन समृद्धि मान सम्मान प्रतिष्ठा पदवी पाने के आसान उपाय
Specifications
ISBN-13 9789381748015
ISBN-10 9381748015
Cover Type Paperback
Language Hindi
No. Of Pages 222
Author S C Mishra
Publisher Shree Pranav Publications
Country India

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